By- लक्ष्मण सिंह
हापुड़। मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश बृजेंद्र मणि त्रिपाठी द्वारा विनय उर्फ़ सोनू निवासी ग्राम रसूलपुर थाना बाबूगढ़ के हत्या अभियुक्तों हरवंत व श्रीमती रेनू पत्नी स्व० विजय वीर सिंह नि० गण उपरोक्त को आजीवन कारावास व 15-15 हज़ार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया तथा अभियुक्ता रेनू को 25 आर्म्स एक्ट में 1 वर्ष सश्रम कारावास व 10 हज़ार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता (फौज०) कृष्ण कांत गुप्ता ने बताया कि उपरोक्त मुकदमें में वादी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके चाचा विजयवीर की 8-9 महीने पूर्व मृत्यु हो गई थी तथा उनकी मृत्यु के बाद रेनू के पास गांव के कुछ गलत लोगों का आना जाना हो गया था। जिसमें हरवंत पुत्र ओमकार का भी रेनू के पास काफी आना-जाना हो गया था। जिसका मृतक विनय उर्फ सोनू विरोध करता था। जिस कारण हरवंत व रेनू विनय उर्फ़ सोनू से रंजिश रखने लगे थे। दिनांक 1-7-2017 को समय अपराह्न 3:30 बजे जब विनय उर्फ़ सोनू अपने घर पर था, तभी उपरोक्त अभियुक्त हरवंत वहां पर आया और विनय उर्फ़ सोनू पर जान से मारने की नियत से पिस्टल से गोली चला कर उसकी हत्या कर दी। जिसमें हरवंत का साथ अभियुक्ता रेनू ने भी दिया था तथा हत्या में प्रयुक्त आला कत्ल पिस्टल को भी रेनू ने छिपा दिया था। घटना के बाद उपरोक्त अभि० गण फरार हो गए तथा पुलिस द्वारा अं०धारा 82 सीआरपीसी के उपरांत अभि०गण हरवंत व रेनू को गिरफ्तार किया गया।
रेनू की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त पिस्टल बरामद की गयी। विवेचना उपरान्त पुलिस द्वारा समस्त साक्ष्यों के आधार पर आरोप पत्र न्यायलय में प्रेषित होने पर उपरोक्त मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायाधीश हापुड़ के न्यायालय में कमिट होकर आया। जिसमें जिला शासकीय अधिवक्ता (फौज०) द्वारा उपरोक्त सत्र परीक्षण में 15 साक्षीगण न्यायालय में परीक्षित कराए गए। जिन्होंने अभियोजन के केस का पूर्णतय समर्थन किया। समस्त साक्ष्य पूर्ण होने पर बचाव पक्ष व अभियोजन की लम्बी बहस के उपरांत जिला एवं सत्र न्यायाधीश हापुड़ द्वारा आज दोनों अभि० गण हरवंत पुत्र ओमकार व रेनू पत्नी स्व० विजयवीर सिंह को अं० धारा 302/34 आईपीसी का दोषी मानते हुए दोनों अभि० गण को आजीवन कारावास की सजा सुनाई एवं 15-15 हज़ार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया तथा अभियुक्ता रेनू अं० धारा 25 आर्म्स एक्ट का दोषी मानते हुए 1 वर्ष सश्रम कारावास व 10 हज़ार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
अभि० हरवंत गिरफ्तारी के उपरांत वर्ष 2017 से ही जेल में बंद है। अभियोजन की प्रबल पैरवी के कारण दौराने विचारण अभि० हरवंत को जमानत भी प्रदान नहीं हो सकी।