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हापुड़ : विद्यालय में शिक्षक सम्मान में कार्यक्रम हुआ आयोजित, क्या होता है गुरू का महत्त्व विद्यार्थियों को समझाया गया

रिपोर्ट- अहमद सुहैल 
हापुड़ । नगर के श्रीमती कमला अग्रवाल गर्ल्स इंटर कॉलेज में शिक्षक दिवस सभा का आयोजन किया गया, शिक्षक दिवस के अवसर पर अंग्रेजी अध्यापिका ने शिक्षक दिवस के इतिहास के बारे में बताया कि हम आज शिक्षक दिवस उमंग के साथ मना रहे हैं क्योंकि 5 सितंबर डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है और वह एक कामयाब शिक्षक रहे और वह चाहते थे कि उनका जन्म दिवस देशभर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, वह बच्चों से बहुत प्रेम करते थे और वह बच्चों के सर्वप्रिय शिक्षक थे, वह हमारे देश के पहले वाइस प्रेसिडेंट और दूसरे प्रेसिडेंट थे। इस अवसर पर प्रीफेक्टोरियल बोर्ड एवं स्कूल काउंसिल बोर्ड की छात्राओं को निदेशक, प्रधानाचार्या एवं सभी अध्यापक - अध्यापिकाओं की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दी गई, छात्राओं द्वारा शिक्षकों को समर्पित एक बहुत सुंदर कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
   विद्यालय के निदेशक सुनील कांत आहलूवालिया एवं प्रधानाचार्या पारुल शर्मा ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए अपने संदेश में कहा कि "गुरु कुम्हार शिष कुंभ गढि- गढि काढै खोट। अंदर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।। अर्थात् शिक्षक कुम्हार व विद्यार्थी घड़े के समान होता है। अर्थात् गुरु ही शिष्य के चरित्र का निर्माण करता है, गुरु के अभाव में शिष्य एक माटी का अनगढ़ टुकड़ा ही होता है जिसे गुरु एक घड़े का आकार देते हैं, उसके चरित्र का निर्माण करते हैं। जैसे कुम्भकार घड़ा बनाते वक़्त बाहर से तो चोट मारता है और अंदर से हलके हाथ से उसे सहारा भी देता हैं की कहीं कुम्भ टूट ना जाए, इसी भाँति गुरु भी उसके अवगुण को तो दूर करते हैं उसके अवगुणों पर चोट करते हैं लेकिन अंदर से उसे सहारा भी देते हैं जिससे कहीं वह टूट ना जाए, इस अवसर पर सभी का सहयोग सराहनीय रहा।