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हापुड : बिजली विभाग के जेई के तबादले के आदेश 24 घंटे में निरस्त, - तीन टीजीटू, लिपिकों के स्थानांतरण में भी हुआ खेल - अपने ही आदेशों को निरस्त कर फंसी अफसरों की गर्दन - तीन टीजीटू के स्थानांतरण आदेश भी 22 दिन में निरस्त

- तीन टीजीटू, लिपिकों के स्थानांतरण में भी हुआ खेल
- अपने ही आदेशों को निरस्त कर फंसी अफसरों की गर्दन
- तीन टीजीटू के स्थानांतरण आदेश भी 22 दिन में निरस्त

ऊर्जा निगम के एक विद्युत खंड के तीन टीजीटू के स्थानांतरण में भी अनियमितता का आरोप लगा है। इन टीजीटू के स्थानांतरण का आदेश 3 अगस्त 2022 को जारी हुआ था, लेकिन इस आदेश को 25 अगस्त में ही निरस्त कर दिया गया।

 By- नवीन गौतम/ शिवकुमार रावत

- दस साल से जमे लिपिकों को दो साल बाद फिर वहीं भेजा

हापुड़ डिवीजन के एक डिवीजन में दस साल से एक ही सीट पर तैनात दो लिपिकों का मुख्य अभियंता ने स्थानांतरण किया था। लेकिन दो साल बाद उन्हें ऊर्जा निगम के स्थानीय अधिकारियों ने वापस उसी डिवीजन में उनकी सीट पर भेज दिया गया।
हापुड़। ऊर्जा निगम में चार अवर अभियंता, दो लिपिकों समेत कई कर्मचारियों के स्थानांतरण में बड़ा खेल हुआ है। अधिकारियों ने खुद ही स्थानांतरण के आदेश जारी किए और उसी दिन निरस्त कर मनचाहे स्थान पर नियुक्ति दे दी। गोपनीय रिपोर्ट लीक होने से निगम में अफरा तफरी का माहौल है। एक व्यक्ति ने पूरे प्रकरण की शिकायत एमडी कार्यालय में की है, वहां से जांच शुरू कर दी गई है।
स्थानांतरण के खेल को खत्म करने के लिए शासन ने कई विभागों से यह अधिकार छीन लिए हैं। लेकिन ऊर्जा निगम में यह अधिकार अभी भी अधिकारियों के हाथ में ही हैं। इसका फायदा उठाकर अधिकारी किसी भी कर्मचारी का स्थानांतरण दूसरे स्थानों पर कर देते हैं, जिन कर्मचारियों की पहुंच ऊपर तक होती है वह अपना स्थानांतरण रुकवा लेते हैं।
ऊर्जा निगम में बीते डेढ़ साल के अंदर इस तरह के स्थानांतरण किए गए हैं। लेकिन इसमें दिलचस्प बात यह है। कि जिस अधिकारी ने अपनी कलम से स्थानांतरण का आदेश जारी किया, उसी दिन अपने आदेश को निरस्त कर दिया और कर्मचारियों को फिर से उनके पुराने बिजलीघरों में नियुक्ति दे दी।
इस मामले की शिकायत एक व्यक्ति ने एमडी पीवीवीएनएल से की है। बता दें कि शासन ने भी इस तरह के स्थानांतरण की जांच शुरू कराई है। ऐसे में हापुड़ के कई अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है।