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हापुड़ : समाजवादी पार्टी के निकाय चुनाव प्रभारी और निवर्तमान जिला अध्यक्ष पर मानहानि का किया जाएगा मुकदमा : अनिल आज़ाद

- स०पा० की ओर से जारी पत्र प्रत्याशी का नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के सिंबल का निरस्तीकरण विधि विरूद्ध खारिज करने को लेकर अनिल आज़ाद एडवोकेट ने की याचिका दायर।


रिपोर्ट - नवीन गौतम /लक्ष्मण सिंह 
हापुड़। समाजवादी पार्टी की ओर से जारी प्रत्याशी सुनीता आज़ाद का नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के टिकट के निरस्तीकरण को चैलेंज करते हुए अनिल आजाद एडवोकेट ने नगरीय निकाय जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र देते आपत्ति जताई है। 
एडवोकेट अनिल आज़ाद ने जिला कमेटी के लोगो पर आरोप लगाते हुए कहा की पहले तो पूरे जिले में पिलखुवा से मात्र एक मुस्लिम समाज के मजबूत व कर्मठ प्रत्याशी एडवोकेट बिलाल का नामांकन करने के बाद टिकट काटा गया।
जिसकी चर्चा जिले भर में यह हुई कि लाखों रुपए की जिला कार्यकारिणी के लोगो ने मांडवाली की है। उसके बाद समाजवादी के वरिष्ठ नेता की पत्नी सुनीता आज़ाद का नामांकन पत्र दाखिल होने के बाद लाखो रुपयों के हेर फेर करते हुए सिंबल निरस्त कर दिया गया है। जिसकी शिकायत सपा प्रमुख मा0 अखलेश यादव जी को पूरी स्थिति से अवगत कराया जाएगा। साथ ही समाजवादी पार्टी के निकाय चुनाव प्रभारी और निवर्तमान जिला अध्यक्ष पर मानहानि का मुकदमा किया जाएगा।
एडवोकेट अनिल आज़ाद ने बताया कि समाजवादी पार्टी के जिला स्तर के नेताओ को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के मान सम्मान से खेलने वाले लोगो को बक्शा नही जायेगा। इस स्कैंडल में जो भी लोग शामिल हैं उनके खिलाफ मान हानि का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

एडवोकेट अनिल आज़ाद ने बताया कि समाजवादी पार्टी की ओर से नगर पालिका परिषद हापुड के अध्यक्ष पद पर सुनीता आज़ाद के द्वारा आवेदन किया गया था। 
आवेदक सुनीता आज़ाद के साथ समाजवादी पार्टी की ओर से विधिवत रूप से जारी प्ररूप (क) व प्ररूप (ख) आवेदन के साथ निर्वाचन अधिकारी (अध्यक्ष) नगर पालिका परिषद हापुड के कार्यालय में जमा किया गया था। 
परन्तु कुछ लोगो द्वारा 23 अप्रैल को श्री नरेश उत्तम पटेल प्रदेश आध्यक्ष सदस्य विधान परिषद की ओर से एक तथाकथित लेटर रिटेनिंग अधिकारी (नगरीय निकाय) नगर पालिका परिषद हापुड़ को प्रेषित प्रत्याशी सुनिता को दिये गये प्रारूप एक को निरस्त करने एवं किसी भी प्रत्याशी को समाज वादी पार्टी के आरक्षित चुनाव चिन्ह साईकिल आवंटन न करने का अनुरोध किया गया है।
एडवोकेट अनिल आज़ाद ने बताया कि जबकि उक्त पत्र के अवलोकन मात्र से ही स्पष्ट उक्त पत्र फर्जी व कूटरचित है तथा उस पर किये गये हस्ताक्षर सुनीता आज़ाद को पूर्व में जारी प्रारूप एक व 7 ख से भिन्न है।
 तथा पत्र पर अंकित तिथि व पत्रक भी किसी अन्य पेन व अन्य हस्तलेख में भी लिखी गयी है। तथाकथित पत्र के साथ पत्र जारीकर्ता द्वारा इस प्रकार पत्र जारी किये जाने के सम्बन्ध में अपना अधिकृत पत्र भी प्रेषित नहीं किया गया है। तथा चुनाव आयोग की निश्पक्ष चुनाव कराये जाने की मशा के अनुरूप भी पत्र जारी कर्ता द्वारा रिटर्निंग अधिकारी हापुड़ को अपना अधिकृत पत्र मय शपथपत्र स्वयं प्रेषित नहीं किया गया है।
जबकि चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश व विधि व्यवस्था के अनुसार इस प्रकार पत्र शिकायत का फार्म शपथपत्र  स्वयं शिकायतकर्ता रिर्टनिंग ऑफिसर के समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तुत करेगा।
परन्तु उक्त पत्र किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रेषित किया गया है जो विधि विरुद्ध है। ऐसी स्थिति में उका विधि विरुद्ध पत्र को खारिज व खण्डित तथा कूटरचित पत्र जारी करने वाले तथा उक्त कूटरचित पत्र पर कारवाई की करने की मांग को लेकर रिटेनिंग अधिकारी के यहां प्रेषित करने के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।