Banga Electronics

Kidszee

हापुड़ : निष्पक्ष सीबीआई जांच व जेड प्लस सुरक्षा की मांग को लेकर भीम आर्मी का जंतर मंतर पर बड़ा आंदोलन 21 जुलाई को


-चंद्रशेखर आज़ाद पर हमला करने वाले आरोपियों का नार्को टेस्ट, साजिशकर्ताओं की शीघ्र गिरफ्तारी की भी की जाएगी मांग
(फाइल फ़ोटो)

रिपोर्ट -मोहम्मद हाशिम
हापुड़। भीम आर्मी भारत एकता मिशन व आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के तत्वावधान में भीम आर्मी संस्थापक व आसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद पर हुए कातिलाना हमले में केंद्र सरकार से निष्पक्ष सीबीआई जांच, आरोपियों का नार्को टेस्ट, साजिशकर्ताओं की शीघ्र गिरफ़्तारी और राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिये जेड प्लस सुरक्षा की मांग को लेकर दिनाँक 21 जुलाई 2023 को दिल्ली के जंतर मंतर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। जिले के वरिष्ठ नेताओं ने इस आंदोलन को सफ़ल बनाने के लिए इसकी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

(फाइल फ़ोटो)


आसपा जिलाध्यक्ष एडवोकेट सुशील कुमार आज़ाद व भीम आर्मी जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह आज़ाद ने बताया कि जैसा कि आप सभी को जानकारी है कि दिनांक 28/ 06/ 2023 को  जिला सहारनपुर के देवबंद इलाके में एक हरियाणा गाड़ी नंबर HR 70D0278 कार में सवार चार गुंडों द्वारा भीम आर्मी चीफ व आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर एक सुनियोजित साजिश के तहत उनकी हत्या करने का प्रयास किया गया था। गाड़ी काफी क्षतिग्रस्त हो गई तथा गाड़ी में बैठे अन्य साथी भी बाल बाल बच गए। 

जिसमें एक गोली राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमर को चीरते हुये निकल गई। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष घायल हो गए। लेकिन शोषित वंचित उपेक्षित बहुजन समाज की करोड़ों माताओं, बहनों एवं महापुरुषों की असीम करुणा से राष्ट्रीय अध्यक्ष बाल बाल बच गए। उन्होंने बताया कि उपरोक्त संदर्भ में स्थानीय यूपी पुलिस ने 4 नौजवान अपराधियों को जिसमें 3 उत्तर प्रदेश एवं एक हरियाणा करनाल का है। सोचने वाली बात है कि चारों ही एक ही समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इस घटना को एक सोची समझी साजिश के तहत मास्टरमाइंड द्वारा हमला कराया गया है। जिसकी हम सीबीआई द्वारा जांच कराने की मांग करते हैं। वहीं यहां एक बड़ा सवाल अपने आप में उठता है कि चारों नौजवानों के आर्थिक हालात अच्छे ना रहने के बावजूद उन चारों को हथियार और गाड़ी किसके द्वारा मुहैया कराई गई। 
घटना के बाद 3 दिन तक वो कहां और किसके संरक्षण में थे सोचनीय है। पुलिस ने खुद स्वीकार किया कि आरोपी आदतन अपराधी है, फिर भी बिना सख्ती से पूछताछ के आरोपियों द्वारा बताई गई कहानी को ही सच मान लेना कहां तक सही है। तकरीबन 10 दिन बीत जाने के उपरांत आज तक राष्ट्रीय अध्यक्ष की गाड़ी की फॉरेंसिक जांच भी नहीं कराई गई है। स्थानीय यूपी पुलिस ने बड़ी तीव्रता दिखाते हुए आनन-फानन में बयान दे डाला कि फायरिंग 315 देसी कट्टे से किया गया है जो अपने आप में एक सवाल पैदा करता है, जबकि चश्मदीदों का कहना है कि फायरिंग लगातार ऑटोमेटिक हथियार द्वारा की गई है।

(फाइल फ़ोटो)

 इससे ऐसा प्रतीत होता है कि स्थानीय यूपी पुलिस विशेष साजिश, राजनीतिक दबाव, विशेष रसूखदारओं के बचाव के लिए इस तरह का बयान देकर इस पूरे मामले पर लिपा पोती कर इसे सरल बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से गाड़ी को घटना के बाद गुर्जर समाज के बाहुल्य गांव में छोड़ा गया इस पूरे प्रकरण में एक गहरी साजिश की बू आ रही है, यानि आरोपी दो जातियों में झगड़ा कराकर प्रदेश में जातीय हिंसा कराने चाहते थे। जिसमें वें कामयाब नहीं हो सके। राष्ट्रीय अध्यक्ष पर इससे पहले भी दो तीन बार हमले हो चुके हैं तथा सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकियां भी दी जा चुकी है। हम सरकार से पहले से ही सुरक्षा की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार किसी अप्रिय घटना का इंतजार कर रही है। उन्होंने बताया कि दिनांक 29/01/2023 को काफी राज्यों में जिलेवार राष्ट्रीय अध्यक्ष की जेड प्लस सुरक्षा के लिए ज्ञापन सौंपे जा चुका है और इसी दिन गृह मंत्री, भारत सरकार को भी जेड प्लस सुरक्षा के लिए दिल्ली में ज्ञापन दिया जा चुका है। इसके बावजूद इसके भारत सरकार व यूपी सरकार सुरक्षा के संदर्भ में मौन बैठी हुई है। लगता है कि एक साजिश के तहत भारत के बहुजन समाज में बन रही भाई चारे की एकता को तोड़ने का असफल प्रयास किया जा रहा है, जिस एकता के सूत्रधार राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद है। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में निष्पक्ष सीबीआई जांच, आरोपियों का नार्को टेस्ट, साजिशकर्ताओं की शीघ्र गिरफ्तारी और राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिये जेड प्लस सुरक्षा की मांग को लेकर दिनाँक 21 जुलाई को दिल्ली के जंतर मंतर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।