महासम्मेलन में प्रदेश भर के हजारों अधिवक्ताओं ने बुलंद की अपनी आवाज़
-तीन अक्टूबर को हापुड़ बार की जरनल बॉडी की मीटिंग में होगी आगे की रणनीति तैयार
रिपोर्ट - लक्ष्मण सिंह/ मौहम्मद हाशिम
हापुड़। बार एसोसिएशन हापुड़ के तत्वावधान में शुक्रवार को फ्री गंज रोड स्तिथ कचहरी के बाहर अधिवक्ता महासम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें हापुड़ सहित प्रदेश के अन्य जिलों के हजारों अधिवक्ता शामिल हुए। जबकि भारी संख्या में अधिवक्ताओं के महासम्मेलन में आने की संभावना को देखते हुए कानून व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका के चलते जिला प्रशासन द्वारा इस महासम्मेलन की अनुमति नहीं दी गई है थी और जिलाधिकारी के दिशा निर्देश पर जनपद में धारा 144 लागू की गई थी। जिसके चलते पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा।
महासम्मेलन में शुक्रवार सुबह दस बजे से ही कचहरी के बाहर लगे विशाल पंडाल में अधिवक्ताओं का हुजूम उमड़ने लगा। जनपद हापुड़ के अधिकांश अधिवक्ताओं में काफ़ी जोश दिखाई पड़ रहा था।
महासम्मेलन में प्रदेश के अन्य जिलों से आने अधिवक्ताओं का स्वागत करने के लिए हापुड़ बार के अधिवक्ता तहसील चौराहे पर जमे रहे। अन्य जिलों से अधिवक्ता बस, कारों से भारी संख्या में पहुंचे। देखते ही देखते दोपहर ढाई बजे विशाल पंडाल खचाखच भर गया। जनपद हापुड़ सहित प्रदेश के अन्य जिलों के हजारों अधिवक्ताओं ने महासम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए अपनी मांग मनवाने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद की। बताया जा रहा है कि तीन अक्टूबर को हापुड़ बार की जरनल बॉडी की मीटिंग में आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। बताया यह भी जा रहा है कि लखनऊ व कानपुर बार के अधिवक्ताओं ने हापुड़ बार के अधिवक्ताओं के साथ 6 अक्टूबर को विधानसभा घेरने की चेतावनी भी दी है। हालांकि हापुड़ बार के अधिवक्ताओं ने तीन दिनों के लिए धरने को स्थगित कर दिया है, इसके बाद भी हापुड़ बार के अधिवक्ता अपना धरना जारी रखेंगे। बार अध्यक्ष ऐनुल हक़ ने कहा कि लाठीचार्ज प्रकरण में दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर गैर जनपद में ट्रांसफर करने, हापुड़ सहित पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने और एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग पूरी न होने पर धरना जारी रहेगा।
पुलिस प्रशासन रहा मुस्तैद, एसपी अभिषेक वर्मा ने लिया स्तिथि का जायजा
हापुड़। महासम्मेलन में हजारों की संख्या में अधिवक्ताओं के आने की संभावना के मद्देनजर जिले का पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा। एसपी अभिषेक वर्मा स्वयं स्तिथि का जायज़ा लेने के लिए तहसील चौराहे पहुंचे। एएसपी राजकुमार अग्रवाल समय-समय पर स्तिथि को जांच रहे थे। वहीं सीओ सदर स्तुति सिंह, सीओ जितेंद्र कुमार शर्मा, सदर कोतवाल नीरज कुमार भी तहसील चौराहे व इसके आसपास डटे रहे। वहीं यातायात प्रभारी अमित कुमार ने पूरे शहर के ट्रैफिक को सुचारू रखा। पूरे शहर में कहीं भी जाम की स्तिथि उत्पन्न नहीं होने दी। जबकि अधिवक्ताओं का यह महासम्मेलन पुलिस प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती बना हुआ था। जिसके लिए तहसील चौराहे के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। महासम्मेलन के समापन के बाद पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।