By- Lakshman Singh
हापुड। कई लोग उम्र के आखिरी पड़ाव में भी रक्तदान कर युवाओं की जिंदगी बचा रहे हैं। रक्त बनाया नहीं जा सकता। देश में लाखों लोग खून की कमी से जूझ रहे हैं और कितने लोगों की इसकी कमी से मौत हो जाती है। शरीर में ही इसे या तो बढ़ा सकते हैं या जरूरत पड़ने पर दान कर किसी की जिंदगी बचा सकते हैं। हम उन रक्तदाताओं से मिल रहै है जिन्होंने खून के रिश्ते नहीं होते हुए भी अजनबियों से खून के असली रिश्ते बनाए हैं।
दीपक कुमार एडवोकेट : 20 साल से अब तक 50 बार से अधिक बार कर चुके रक्तदान।
नगर क्षेत्र के टीचर्स कॉलोनी निवासी पेशे से वकील दीपक कुमार कुमार एडवोकेट ने अब तक 50 बार से अधिक रक्त दान किया है, उनका कहना है कि खून की कमी से कभी भी किसी व्यक्ति की मृत्यु न होने पाए। वह बताते हैं कि एक स्वस्थ व्यक्ति को वैसे तो हर तीन महीने में जरूरत पढ़ने पर खून दान करना चाहिए। लेकिन वह कभी भी माह दो माह में रक्तदान करते रहते हैं।
विश्व स्तर पर 14 जून को रक्तदान दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस दिन को रक्तदान दिवस मनाने का आह्वान किया है ताकि हम रक्तदाताओं को प्रोत्साहित कर सकें और खून की कमी से जूझ रहे लोगों की जान बचा सकें।