रिपोर्ट- लक्ष्मण सिंह/अहमद सुहैल
हापुड। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन पार्टी (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के हमलावर सचिन शर्मा व शुभम गुर्जर की जमानत याचिका जनपद हापुड़ न्यायाधीश के न्यायालय से निरस्त की गई है।
हापुड जिला एवं सत्र न्यायाधीश बृजेंद्र मणि त्रिपाठी द्वारा आज 22 अप्रैल शुक्रवार को सचिन शर्मा वह शुभम गुर्जर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अभियोजन पक्ष व अभियुक्तों के अधिवक्ता द्वारा की गई लंबी बहस के के बाद एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को जान से मारने की नियत से किये गए हमले के आरोपितों की जमानतें निरस्त की गयी है।
अभियोजन पक्ष राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता कृष्णकांत गुप्ता ने अपने तर्क में बताया गया कि इस वर्ष की तीन फरवरी को सायं लगभग 5:20 बजे असदुद्दीन ओवैसी मेरठ के किठौर से जनसंपर्क करके अपनी लैंड रोवर डिस्कवरी गाड़ी से दिल्ली जा रहे थे, जैसे ही गाड़ी छिजारसी टोल प्लाजा पर पहुंची तो दो हमलावरों ने जान से मारने की नियत से असदुद्दीन ओवैसी की गाड़ी पर अपने हाथों में लिए पिस्टलों से ताबड़तोड़ गोलियां चला दी लेकिन असदुद्दीन ओवैसी गाड़ी में नीचे छीप जाने के कारण बाल-बाल बच गए।
घटना की रिपोर्ट उनके साथ गाड़ी में बैठे शमीम अहमद द्वारा थाना पिलखुवा में में धारा 307 आईपीसी व 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट में दर्ज कराई गई थी।
सूचना पर पुलिस द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए घटना की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अभियुक्त सचिन शर्मा को घटना में प्रयुक्त में एक पिस्टल 9 एमएम व 7 अदद जिंदा कारतूस 9 एमएम व घटना में प्रयुक्त अल्टो कार के साथ गिरफ्तार किया तथा उसके साथी शुभम गुर्जर को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर पिस्टल व 9 कारतूस जिन्दा बरामद हुए।
विवेचना में घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी फुटेज व चश्मदीद साक्षियों ने बताया कि घटना कारित करने वाले दोनों अभियुक्त मौके से घटना करने के बाद पिस्टल लहराते हुए भाग गए थे। क्योंकि दोनों के हाथों में ऑटोमेटिक पिस्टल थी और उनके द्वारा ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई थी इसलिए मौके पर किसी व्यक्ति ने अपनी जान जोखिम में न डालकर उक्त दोनों हमलावरों को पकड़ने की कोशिश नहीं की। अभियुक्त सचिन द्वारा गिरफ्तारी के उपरांत घटना का कन्फेस करते हुए बताया गया कि सांसद असदुद्दीन ओवैसी को मारने का उद्देश्य केवल एक बड़ा हिंदूवादी नेता बनने के लिए लोकप्रिय होना था। जिसके लिए उसने अपने साथी शुभम गुर्जर का सहयोग लेते हुए एक अपने अन्य साथी आलिम से घटना में प्रयुक्त पिस्टलें व कारतूस लिए थे।
जिला शासकीय अधिवक्ता कृष्णकांत गुप्ता ने अभियोजन की और से लंबी बहस करते हुए बताया कि यह घटना अभियुक्तों द्वारा ऐसे समय पर की गई थी जिस समय उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहे थे यदि इस घटना में संसद असदुद्दीन ओवैसी घायल हो जाते, इससे ना केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष में कानून व्यवस्था पर प्रभाव पड़ता घटना के दौरान सांसद असदुद्दीन ओवैसी की गाड़ी लैंड रोवर डिस्कवरी में भी बुलेट के 3 छिद्र व परीक्षण के दौरान गाड़ी के अंदर से बाई ओर के दोनों दरवाजे से तीन बुलेट भी बरामद हुए थे।
सांसद की गाड़ी में अपनी सीट पर नीचे छिप कर बैठ गये थे इसलिए बाल-बाल बचें। जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा अभियोजन की ओर से अधिवक्ता कृष्णकान्त गुप्ता की लंबी बहस सुनने के उपरांत, जिसमें पुलिस द्वारा 398 पेज की चार्जसीट प्रेषित की गई थी दोनों अभियुक्तगण सचिन शर्मा व शुभम गुर्जर की जमानत याचिका अंतर्गत धारा 307 आईपीसी व 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट में निरस्त कर दी।