रिपोर्ट- अहमद सुहैल
हापुड़ : सरकारी आदेश नहीं मानने का भुगतान आज नन्हे बच्चों को भुगतना पड़ता, इसकी बानगी बनी एक ऐसी बस जो मानकों के विपरीत स्कूली बच्चों को ढोने का काम कर रही थी, 28 नवंबर को गुरु नानक जयन्ती का सरकारी आदेश होने के बावजूद भी जीडीपी पब्लिक स्कूल खोला गया था और दुर्घटना वाली स्कूली बस इसी स्कूल की थी, अगर यह दुर्घटना नहीं होती तो शायद ही सरकारी आदेश की अवमानना का मामला भी प्रकाश में ना आता,प्राप्त जानकारी के अनुसार बाबूगढ़ थाना क्षेत्र में आज सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब एक स्कूल बस बच्चों को लेकर बाबूगढ़ से बागडपुर जा रही थी तभी अचानक फ्लाईओवर से उतरते वक्त असंतुलित होकर बागडपुर रोड पर पलट गई, इस दुर्घटना में दर्जनों बच्चे घायल हो गए, यह तो गनीमत रही कि बच्चों की चीख़-पुकार सुनकर वहां पर आसपास के खेतों में कार्य कर रहे किसानों ने तुरंत पहुंचकर मासूम बच्चों को बचाया जिससे जनहानि होते-होते बच गयी, बावजूद इसके बच्चों को मामूली चोटें आई हैं, स्कूली बच्चों को ले जाने वाले अनफिट वाहनों के संचालन पर विभाग खामोश क्यों है तथा स्कूल प्रबंधन ऐसे वाहनों में मासूमों की जान के साथ खिलवाड़ क्यों कर रहे हैं, अभिभावक भी अपने नौनिहालों को ऐसे वाहनों में सवार होकर यात्रा करने का कलेजा कहां से लाते हैं।
अब देखना होगा कि मामले में स्कूल प्रबंधन एंव बस मालिक के विरुद्ध जिला प्रशासन किस प्रकार की कार्रवाई अमल में लाएगा।