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हापुड : डेंगू से ज्यादा वायरल बुखार के आ रहे हैं मामले, मच्छर जनित बीमारियों से अभी सचेत रहना जरूरी,- थोड़ी सावधानी और बेहतर खानपान से बचाव संभव


By - Naveen gautam/ Ahmed suhel 
हापुड़। मौसम का यह संक्रमण काल (बदलता मौसम) स्वास्थ्य को लेकर बहुत ही संवेदनशील होता है। जरा सी सर्दी-गर्मी आपको बीमार करने के लिए काफी है। इसलिए सचेत रहें। सुबह और शाम के समय घर बाहर निकलें तो गर्म कपड़े पहनकर निकलें। दरअसल दिन में मौसम थोड़ा गर्म हो जाता है तो सुबह-शाम की सर्दी का एहसास नहीं हो पाता और इसी लापरवाही में गुलाबी सर्दी नुकसान कर देती है। यह बातें सोमवार को संयुक्त जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ फिजीशियन डा. प्रदीप मित्तल ने कहीं। उन्होंने कहा - मच्छरों के लिए भी यह मौसम अनुकूल होता है, इसलिए मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी बना हुआ है। डेंगू और मलेरिया के मामले सामने आने का यही कारण है। मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए अभी कुछ दिन और सावधान रहने की जरूरत है। ठंड बढने पर यह खतरा टल जाएगा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हापुड़ के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. दिनेश खत्री का कहना है - शरीर में वायरल संक्रमण बढने से शरीर का तापमान बढ जाता है, इसे वायरल फीवर कहते हैं। यह प्रदूषित वायु में सांस लेने और प्रदूषित पानी पीने से भी हो सकता है। जब संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है तो उसके मुंह से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स (छोटी - छोटी बूंदें) नाक या मुंह के रास्ते दूसरे व्यक्ति में प्रवेश कर उसे भी संक्रमित कर देती हैं। वायरल बुखार का संक्रमण रोकने के लिए रोगी से सुरक्षित दूरी पर रहें, बेहतर हो कि उसके पास जाते समय मास्क का प्रयोग करें। रोगी को भी मास्क लगाने को कहें। इसके लिए रूमाल आदि घरेलू कपड़े का भी प्रयोग किया जा सकता है। मच्छरों से बचाव के लिए पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहने और घर के आसपास सफाई रखें।
डा. प्रदीप मित्तल बताते हैं - वायरल, टायफाइड, डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के लक्षण बहुत मिलते - जुलते होते हैं। एक अंतराल के बाद बुखार आता है, कंपकपी के साथ बुखार होता है, जोड़ों में दर्द होता है और उल्टियां व दाने आने लगते हैं। इसलिए बुखार कैसा है, यह खुद तय न करें, बल्कि नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सक से परामर्श लें। चिकित्सक लक्षण आधारित दवा देने के साथ रक्त जांच की सलाह दे सकते हैं। चिकित्सक की सलाह पर अमल करें। उन्होंने कहा - इस मौसम में गरिष्ठ खाने से बचें। हल्का और पोषण युक्त भोजन करें। बेहतर पोषण से रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर रहती है और किसी तरह का संक्रमण होने की आशंका कम हो जाती है।
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