By- Shivkumar Rawat/ Amit Kumar
हापुड। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उ०प्र० शाखा हापुड़ का लगातार तीसरे दिन भी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार आज दूसरे दिन भी पूरी दृढता से रहा। संर्घष समिति के आहवान पर 29 नवंबर से प्रारम्भ अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के तहत आज 1 दिसम्बर को भी उ०प्र० ऊर्जा निगमों में शीर्ष प्रबन्धन की स्वेच्छाचारिता एवं हिटलरशाही नीति के विरोध में समरत विद्युत अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा विद्युत क्षेत्र के निजीकरण एवं ऊर्जा क्षेत्र में उपभोक्ता सेवा हेतु आवश्यक संशाधनों की मांग को लेकर आवास विकास मेरठ रोड हापुड़ स्थित अधीक्षण अभियन्ता कार्यालय पर कार्य बहिष्कार करते हुए सभा की गयी। सभा में वक्ताओं ने अपने विचार रखते हुए कहा कि विभाग को हो रहे घाटे का जिम्मेदार केवल और केवल शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन की स्वेच्छाचारिता एवं मनमाना पूर्ण रवैया ही है। अपनी कमियों के कारण हो रहे घाटे को यह ऊर्जा प्रबन्धन विद्युत कर्मचारियों के सिर पर मढ़कर दोषारोपण कर रहा है।
शीर्ष प्रबन्धन के इसी षडयन्त्र एवं विद्युत कर्मचारियों के खिलाफ जानबूझ कर किये जा रहे उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में सम्पूर्ण प्रदेश के बिजली कर्मचारी व अधिकारी पिछले एक माह से लगातार ध्यानाकषर्ण करते हुए अपनी मांगों को लेकर शान्तिपूर्ण तरीके से आंदोलनरत है, परन्तु ऊर्जा प्रबन्धन इन न्यायोचित मांगों एवं समस्याओं के सम्बन्ध में उदासीन ही है।
विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के जारी आंदोलन का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के ऊर्जामन्त्री ए०के० शर्मा द्वारा लखनऊ मे सघर्ष समिति को अपने आवास पर आमंत्रित कर उनकी समस्याये सुनी एवं अतिशीघ्र ही उन पर न्यायोचित कार्यवाही का आश्वासन भी दिया, परन्तु उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 के शीर्ष प्रबन्धन पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।
आज की सभा में वक्ताओं के रूप में प्रमुखतः संघर्ष समिति के संयोजक ईश्वर प्रसाद, राजेश भास्कर, नन्द किशोर ने अपने विचार व्यक्त किये एवं समस्त विद्युत परिवार से अपील की कि इस लड़ाई में सभी एकजुट रहे, सफलता अवश्य मिलेगी। जब तक शीर्ष प्रबन्धन अपने कर्मचारियों की न्यायोचित मांगो को पूर्ण नहीं करता, तब तक यह आंदोलन अनवरत जारी रहेगा। वक्ताओं ने आम उपभोक्ताओं से भी अपील की है कि आप भी इस लड़ाई में विद्युत कर्मचारियों का सहयोग कर इस ऊर्जा क्षेत्र को बचाने में अपना योगदान दें।