
17 दिसंबर 2022 को ताराचंद और बाबू गाजियाबाद की डासना जेल में लाए गए थे। ये दोनों मूल रूप से जिला कासगंज के रहने वाले हैं और फिलहाल ब्रजघाट में रह रहे थे। पुलिस ने इन्हें बिजली के उपकरण चोरी करने के मामले में गिरफ्तार किया था। जेल में जब इन्हें लाया गया तो दोनों ने अपना नाम न बताकर एक दूसरे का नाम बताया और इसी आधार पर जेल रजिस्टर में दोनों की एंट्री हुई। जेल प्रशासन की यहां पर लापरवाही ये रही कि उन्होंने दोनों के नाम पते आधार कार्ड से वेरिफाई नहीं किए।
गढ़मुक्तेश्वर कोर्ट के आदेश पर 10 जनवरी को बाबू को रिहा कर दिया गया। 11 जनवरी को कोर्ट ने ताराचंद को तलब किया। पेशी के दौरान कथित ताराचंद ने अपना सही नाम बाबू बताया। ये भी स्वीकारा कि दोनों ने जेल में एंट्री के वक्त एक दूसरे के नाम बता दिए थे। इस गलती की वजह से बाबू के रिहाई आदेश पर ताराचंद पहले ही छूटकर चला गया था। कोर्ट ने आदेश दिया है अब ताराचंद को गिरफ्तार करके दोबारा जेल भेजा जाए।
उधर, डिप्टी जेलर विजय कुमार गौतम ने इस मामले में दोनों बंदियों ताराचंद और विजय कुमार के खिलाफ IPC सेक्शन 419 का नया मुकदमा थाना मसूरी में दर्ज कराया है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है