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उत्तर प्रदेश : लखनऊ में पत्रकारों की लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल, पत्रकारों को मिलेंगी ये सुविधाएं।


By -Naveen Gautam 
लखनऊ, उत्तर प्रदेश: 25 जून को होने वाले पत्रकारों के प्रस्तावित धरने से ठीक पहले, उत्तर प्रदेश सरकार और पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई बैठकों में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी है। यह पहल पत्रकारों की लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

वित्त मंत्री से मुलाकात और प्रमुख निर्णय

🔸धरने से एक दिन पहले, पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से उनके विधानसभा स्थित कार्यालय में मुलाकात की। इस दौरान, पत्रकारों की प्रमुख मांगों को उनके समक्ष रखा गया और एक ज्ञापन भी सौंपा गया. विचार-विमर्श के बाद, वित्त मंत्री ने तत्काल पीजीआई में पत्रकारों के उपचार के लिए रिवाल्विंग फंड की धनराशि जारी करने के निर्देश वित्त अधिकारियों को दिए। उन्होंने निदेशक सूचना से भी इस संबंध में वार्ता की और शासनादेश के अनुसार धनराशि निर्गत करने के साथ-साथ आवश्यक संशोधन के लिए भी निर्देशित किया।


सूचना निदेशक के साथ सकारात्मक वार्ता
🔸वित्त मंत्री के निर्देश पर, 25 जून को पूर्वाह्न 11 बजे सूचना निदेशक ने लोक भवन में पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया. लगभग सवा घंटे चली यह मुलाकात सकारात्मक रही. पत्रकारों ने सूचना निदेशालय के अधिकारियों के समक्ष अपनी विभिन्न मांगों से जुड़ी कठिनाइयों और व्यवधानों पर बिंदुवार चर्चा की। निदेशक महोदय ने अपने विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर हर बिंदु पर समाधान निकालने का प्रयास किया।

सहमति के प्रमुख बिंदु, जिन बिंदुओं पर सहमति बनी, वे इस प्रकार हैं:
🔸पेंशन योजना: प्रदेश भर के जनपद स्तर पर 86 और राज्य मुख्यालय स्तर पर 62 पत्रकारों को पेंशन की सूची सूचना निदेशालय द्वारा लगभग तैयार कर ली गई है. नए वर्ष में 1 जनवरी से यूपी सरकार पत्रकारों को पेंशन दिलाने की पूरी तैयारी के सकारात्मक संदेश दिए गए हैं, जिसमें कुछ तकनीकी समस्याओं को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया गया है।
 🔸 पीजीआई में उपचार हेतु धनराशि: निदेशक महोदय ने बताया कि वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत 24 लाख की पूर्व बकाया धनराशि भेज दी गई है. वर्तमान में वरिष्ठ पत्रकार प्रद्युम्न त्रिपाठी के पीजीआई में चल रहे उपचार के लिए दो लाख रुपये अतिरिक्त भेजने की स्वीकृति भी दी गई है. इसके अलावा, पीजीआई में धनराशि जारी करने के लिए शासनादेश में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के कार्ड के आधार पर ही उपचार के दौरान खर्च हुई धनराशि को स्वीकृत करने के संशोधन पर सहमति बनी है।
 🔸 नोडल अधिकारी की नियुक्ति: सूचना विभाग द्वारा एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति के आदेश भी निर्गत करने पर सहमति बनी है, जो पीजीआई में पत्रकारों के स्वास्थ्य उपचार आदि समस्याओं के समन्वय के लिए नियुक्त किया जाएगा.
 🔸 आयुष्मान कार्ड की समस्या: आयुष्मान कार्ड लाभार्थियों को उपचार में धनराशि की समस्या के लिए नोडल एजेंसी के उच्च अधिकारियों से वार्ता कर समाधान का भी मौके पर निराकरण किया गया।
 🔸 सांची एजेंसी को सहयोग: सांची एजेंसी को दी जाने वाली 60 लाख रुपये की सहयोग धनराशि को सूचना विभाग द्वारा एजेंसी भेजने के लिए शासन को पत्र भी प्रस्तुत किया जा रहा है।
 🔸 पत्रकार आवास योजना: प्रदेश सरकार द्वारा राज्य और जिला स्तर पर पत्रकारों को आवास की सुविधा के लिए आवास विकास एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण से वार्ता कर पत्रकार पुरम की तर्ज पर एक नई पत्रकार आवास योजना की मांग करने पर भी सहमति बनी है. शासन स्तर पर मंजूरी और क्रियान्वयन के लिए भी पत्राचार कर संदर्भित करने की सहमति बन गई है।
 🔸आकस्मिक मृत्यु पर सहयोग धनराशि: पत्रकारों की आकस्मिक मृत्यु होने की स्थिति में परिजनों को मिलने वाली राज्य सरकार से सहयोग धनराशि के लिए शासनादेश परीक्षण के उपरांत प्रस्ताव तैयार कर शासन से अनुमोदन प्राप्त करने पर सहमति बनी है।
 🔸जिला समन्वय समिति: जिले स्तर पर पत्रकारों के उत्पीड़न और समस्याओं के समाधान के लिए जिला समन्वय समिति गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. जनपद के सूचना अधिकारियों को हर महीने एक बार पत्रकारों के साथ जिलाधिकारी एवं एसपी के साथ समन्वय बैठक कराकर शासन को उसकी रिपोर्ट भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं।
🔸उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश सचिव प्रवीण शर्मा ने कहा कि सरकार ने सभी आम पत्रकारों की आवाज को गंभीरता से सुनकर उनके निवारण की सकारात्मक पहल की है. उन्होंने सभी पत्रकारों से धैर्य, संयम और एकजुटता बनाए रखने का आभार व्यक्त किया।