By- अहमद सुहैल
गढ़मुक्तेश्वर। परिषदीय स्कूलों में छात्रों को बेहतर और कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर शिक्षा देने का दावा करने वाले शिक्षा विभाग की पोल गढ़ क्षेत्र के गांव आलमगीरपुर बलवापुर का प्राइमरी स्कूल खोल रहा है स्कूल में न तो बच्चों के बैठने के लिए बेंच है, पंखे लगे हैं लेकिन बंद पड़े हुए हैं, भीषण गर्मी में बच्चे टीन शेड में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
ब्रजघाट क्षेत्र के गांव आलमगीरपुर बलवापुर के परिषदीय स्कूल में 223 बच्चों का नामांकन है और छह शिक्षक हैं, स्कूल में केवल तीन ही भवन बने हैं, बच्चों की अधिक संख्या के कारण 40 छात्रों को कक्षाएं टीन शेड में चलती हैं, तपती धूप के बीच बच्चे गर्मी से परेशान रहते हैं, ऐसा नहीं कि यहां पंखे नहीं लगे हैं, लेकिन उनका भी कोई फायदा नहीं है क्योंकि ये कभी-कभी ही चलते हैं, छात्रों ने बातचीत में बताया कि दिन में सिर्फ एक घंटा ही पंखा चलता है, जिसके बाद पंखे शोपीस बनकर लटके रहते हैं, वहीं ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों को बैठने के लिए बैंच भी नहीं है, गर्मी हो या सर्दी जमीन पर बैठकर ही पढ़ना पड़ता है, भले ही सरकार की तरफ से स्कूलों को मॉडल के रुप में बनाने के दावे किए जा रहे हैं, बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास बनाने के अलावा स्कूल परिसर को बेहतर बनाने का काम चल रहे हैं, लेकिन आलमगीरपुर बलवापुर का स्कूल शिक्षा विभाग से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी का शिकार है।
बीईओ सर्वेश कुमार क्या कहते हैं
स्कूल में पंखों का न चलना और बैंच न होना गंभीर मामला है, जल्द ही बच्चों के लिए व्यवस्था कराई जाएगी और बच्चे टीन शेड में न बैठें इस पर भी कार्रवाई होगी।