हापुड़ नगर पालिका क्षेत्र में चल रहे हैं अवैध बूचड़खाने, पुलिस प्रशासन बेखबर
- पुलिस की कारवाई के बाद भी अवैध तरीके से मांस के कारोबारियों के हौसले बुलंद
- सीएम योगी ने कहा था जिले के डीएम और एसपी की होगी सामूहिक जिम्मेदारी
रिपोर्ट - नवीन गौतम
हापुड़। नगर पालिका परिषद क्षेत्र के रामपुर रोड़ पर पशुओं के अवशेषों का अवैध रूप से कारोबार बड़े स्तर पर किया जा रहा हैं। आने जानें वाले लोगों ने बताया कि इस रास्ते से निकल कर जाना मानो नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
प्रदेश की योगी सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए, आखिर किस की सह पर हापुड़ में रामपुर रोड़ चल रहे हैं अवैध बूचड़खाने, पशुओं के अवशेष गलाने वाले प्लांट, एनजीटी, नगर पालिका व पुलिस प्रशासन क्यों हैं खामोश।
बता दें कि सिटी कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को रामपुर रोड पर पशुओं के 500 किलो अवशेष (सींग, दात) से भरी दो गाड़ी, बुलेरों पिकअप व आयशर केंटर पकड़ी, जिसमें 6 लोग आरिफ, हनीफ, नदीम, लखन, खालिद साहित एक अज्ञात पर बिना लाइसेन्स व बिना अनुमति के पशुओं के अवशेष गोदाम मे रखना, अवशेषों को लाने के कोई प्रपत्र प्रस्तुत न करना, अवशेषों को असुरक्षित व खुले मे एकत्र करना, अवशेषो पर मक्खियाँ एकत्र होना, अवशेषो से भंयकर दुर्गन्ध क्षेत्र में फैलना, जिससे लोगो का जीना दूभर होना, तथा आम जनमानस के जीवन के प्रति खतरा उत्पन्न होना धारा के अन्तर्गत मुकद्दमा दर्ज किया है।
अब सवाल यह है की आखिर हापुड़ पुलिस, प्रशासन, नगर पालिका परिषद क्यों रामपुर रोड़ पर अवैध कटान करने वाले गोदाम, बुचड़खानों पर क्यों ठोस कारवाई नही करता है। जिससे कि अवैध बुचड़खाने संचालित करने वालों के हौसले बुलंद हैं।
- हापुड़ बना पशुओं के अवशेषों का हब
आस पास के लोगो का बदबू से हुआ जीना मुहाल है। सिटी कोतवाली क्षेत्र के चौकी जद्दीद क्षेत्र के रामपुर रोड़ पर बने हैं दर्जनों एनिमल वेस्टेज के अवैध गोदाम। इन गोदामों पर बाहार से तो ताला लगा हुआ होता है लेकिन अंदर काम चलता रहता हैं। जिसका जिक्र पुलिस ने दर्ज़ एफआईआर में भी किया है।
नाम न छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि रात होते ही बुलंदशहर, मुजफरनगर आदि गैर जनपद से भी पशुओं के अवशेष पतओजड़ी, सींग, दांत आदि कचरा लाकर हापुड़ में अवैध तरीके से उन्हे गलाने, पकाने का कारोबार किया जा रहा हैं। उससे निकलने वाली चर्बी को ये लोग साबून आदि प्रोडेक्टो के लिए सप्लाई करते हैं। जिस से निकले वाली दुर्गन्ध आस पास के गावों को भी प्रभावित करती हैं।
- अवैध बूचड़खानों के खिलाफ यूपी में चल चुका है अभियान
सीएम योगी आदित्यनाथ के यूपी में सत्ता संभालते ही अवैध बूचड़खानों के लिए खिलाफ अभियान चलाया गया था। गैरलाइसेंसी और खुले में चलने वाले बूचड़खानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई थी। रिटेल में मीट बेचने वाले दुकानदारों को भी निर्देश दिया गया था, कि वह लाइसेंसी बूचड़खाने से ही मीट खरीदकर बेचें। साथ ही दुकान पर पशु को न काटें, ऐसे दुकानों को परदे या फिर चटाई से ढक कर मीट बेचने का फरमान जारी हुआ था। सख्ती के साथ इसका पालन कराया गया था, लेकिन एक बार फिर से इस तरह की दुकानें शुरू हो गई हैं।
- जिले के डीएम और एसपी की सामूहिक जिम्मेदारी
सीएम योगी ने निर्देश देते हुए कहा था कि प्रदेश में अवैध बूचड़खाने (स्लॉटर हाउस) पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। इसके बावजूद कई जिलों में बूचड़खाने चलने की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि अवैध बूचड़खाने का मतलब बड़े स्लाटर हाउस ही नहीं, बल्कि बाजारों में सड़क किनारे खुलेआम कट रहे मुर्गा और बकरे की दुकानों से भी है। उनका कहना था कि इस पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। इससे संक्रमण फैलता है, जो लोगों को बीमार कर रहा है। अगर सड़क किनारे खुलेआम मुर्गा और बकरा कटने की दुकानें दिखी तो संबंधित जिले के डीएम और एसपी की सामूहिक जिम्मेदारी तय होगी और इस पर कार्रवाई भी की जाएगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर पहुंच कर उन्होंने गीडा के सेक्टर 26 में एथेनॉल बॉटलिंग यूनिट का शिलान्यास किया था। इस दौरान सीएम ने कहा, "आज से 10 साल पहले सपा अपने कार्यकाल में यहां बूचड़खाना लगाना चाहती थी। यहां के लोगों को इससे आपत्ति थी । उस वक्त मैं गोरखपुर का सांसद था। हम लोगों ने इसके विरोध में यहां एक बड़ा आंदोलन किया था। इससे साफ होता है कि उन्हें (सपा) को बूचड़खाना पसंद था। आज हम उसी जगह पर इंडस्ट्री लगा रहे लगा रहे हैं। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इसके साथ ही खेत से निकले अवशेषों से यहां बिजली भी पैदा होगी।"
- क्या बोले अधिकारी
अवैध बुचड़खानो को लेकर सदर एसडीएम सुनीता सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। क्षेत्रीय लेखपाल को भेजकर जांच कर इस प्रकार से चलने वाले अवैध बूचड़खानों पर कारवाई की जाएगी।
- हापुड़ एसपी अभिषेक वर्मा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया था सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने रविवार को कई लोगो पर कार्यवाही की है। क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अवैध तरीके बुचड़खाने या मीट गोदाम को नहीं चलने दिया जाएगा आगे भी पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी।
- अखिल भारतीय पंचायत संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री नानक चंद शर्मा ने बताया कि बुलन्दशहर रोड़ चुंगी से रामपुर रोड़ होते हुए यह संपर्क मार्ग गिरधरपुर, तुमरेल, नान, पूठा, अगोता, करनपुर, नारायणपर, नंदपुर, बासकपुर, दोमटीकरी, आदि गावों के ग्रामीण जाते हैं। उन्होनें बताया कि आस पास के गांव के स्थानीय निवासियों ने एंटी प्रदूषण संघर्ष समिति के द्वारा अवैध बूचड़खानों से रास्तों में फैली गंदगी व दुर्गन्ध से परेशान होकर सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता अशोक शर्मा के द्वारा लड़ाई लड़ी थी, बावजूद स्थानीय पुलिस प्रशासन की सह पर आज भी रामपुर रोड़ पर अवैध तरीके से मांस के गोदाम चल रहे हैं। जिससे लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।